भारत देश के पांच राज्य में
बिछी चुनाव की बिसाद है ।
उमा भारती की ललकार है।
देखो भाई देखो अब फिर से,
आया चुनाव का त्यौहार है ।
मुलायम जी ने दिल है खोला,
अमर अजीत ने भी मोर्चा खोला।
सब कहते है भ्रस्त्रचारी,
हो गयी है सरकार हमारी।
चुनाव आयोग ने पाला मारा,
सबके पैसो पे ताला डाला।
बाबू राम की काली रात है आयी,
माया बोली चाल हमारी।
उतरांचल की सर्दी पे,
चुनाव की गर्मी है भारी।
कोश्यारी जी की कोशिश जारी,
कांग्रेश बोले मेरी बारी।
सिख्हो के प्रदेश में भी
चुनावी गर्मागर्मी जारी।
अमरिंदर का खुला खजाना,
बादल ने भी ठेका खोला।
मणिपुर के मुख्यमंत्री जी ,
कहते होगी तीसरी पारी।
तीन राज्यों की गहमा गहमी में,
गुम हो गया गोवा भाई।
हर नवीन की यही कल्पना ,
टीम अन्ना की ये ही कल्पना,
साकार हो जाये उनका भी सपना।
इसलिए उनकी भी आवाज है आयी,
सही लोगो को चुन लो भाई।
जाती धर्म की रोटी सेकी,
भात्राचार मुक्ति की दे दी गोली।
चुनाव योग की कोशिश जारी,
इसबार मतदान हो जाये भारी।
हर नवीन की यही कल्पना ,
शुध्द प्रशासन हो जाये अपना।
बड़ा महत्वपूर्ण वोट है तेरा,
सोच समझ के वो है देना।
देखो भाई देखो फिर से आया
लोकतंत्र का सबसे बड़ा त्यौहार है।
हर नवीन की यही कल्पना ,
ReplyDeleteशुध्द प्रशासन हो जाये अपना।
Awesome. Keep writing नवीन।