Saturday, May 9, 2015

मील का पत्थर!!

मील का पत्थर!!

ढाई फीट का ठिगना पत्थर,
हर आने जाने वाले की निगाह से गुजरता हू । 
लोग बड़ी उम्मीद से निहारते है,
एक मुस्कान और उम्मीद के साथ गुजर जाते है,
और शायद भूल जाते है।

मील का पत्थर हू
यात्रा के पूरा होने का अहसास करता हू ।
आगे बढ़ने की प्रेरणा देता हू |
हर राही को सुकून भरी मुस्कान देता हू ।
मील का पत्थर हू ॥

~ नवीन तिवारी 

उलझन !!

उलझन !

उलझन एक पहेली है,
उलझन एक सहेली है,
उलझन धैर्य  की परिच्छा  है,
उलझन आपकी समीच्छा है,
उलझन नए मार्ग का द्वार है,
'नवीन ' सफलता का प्रथम सोपान है ।

~ नवीन तिवारी