Sunday, April 15, 2012

मकान


"मकान" जिसको बनाना हर दिल का ख्वाब है।
किराये के मकान में रहना लगता अभिशाप है।

मकान छोटा या बड़ा लगता स्वर्ग सा है।
अपने मकान में आना लगता पर्व सा है ।

मकान तो ईट - पत्थर की एक ईमारत है   ।
लेकिन बनाने वाले की जीवन भर इबादत है।

मकान खून-पसीने से जलाई हुई शमा है ।
इसलिए बनाने वाले की रूह बसती वहां है।

मकान होना सफलता की एक सोपान है ।
इसलिए मकान हर जीवन की शान है    ।